पिछले दिनों चंडीगढ़ फिर हरियाणा एवं पंजाब की राजनीति में गरमी लेकर आया। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के अनुसार चंडीगढ़ में फिर से मुख्य आयुक्त प्रणाली लागू की जाए , जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि केन्द्र सरकार ने चंडीगढ़ में फिर से चीफ कमिश्नर प्रणाली को लागू करने का फैसला किया तो उसका डटकर विरोध किया जाएगा। हुड्डा ने फिर कहा कि यदि राज्यपाल को ही चंडीगढ़ का प्रशासक बनाए रखना है तो पंजाब और हरियाणा के राज्यपालों को बारी-बारी से यह कार्य सौंपा जाए। इसके साथ ही सतलुज-यमुना संपर्क नहर का मुद्दा भी उठने लगा है। राजनीति गरमाने के साथ-साथ आपसी कटुता भी सर उठाने लगी है और इसके बाद जो होने की आशंका है उसे सोचकर ही दिल बैठने लगता है। अभीतक देश के इस धान्य देने वाले इलाके के इन राज्यों के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी समाज व देश विरोधी ताकतें अपना सर नहीं उठा पाईं थी,किंतु अब उनको मौक़ा मिल जाने का डर है। अत: दोनों राज्यों के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी इस मामले में त्वरित व सशक्त कदम उठाने चाहिएँ।
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सोमवार, 30 नवंबर 2009
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