शनिवार, 7 नवंबर 2009

प्रभाष जोशी का जाना

पत्रकारिता जगत के स्तम्भ प्रभाष जोशी का देहावसान एक बड़ा शून्य छोड़ गया है। यह संयोग ही था कि क्रिकेट के प्रति अथाह प्रेम और क्रिकेट जगत के धुरंधर कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक इस हस्ती का देहावसान क्रिकेट के एक दिवसीय मैचों में सचिन द्वारा सत्रह हजार रन पूरे करने वाले मैच की समाप्ति के बाद हुआ। प्रभाष अपने आप में एक पूर्ण पत्रकार थे और लेखक के रूप में भी उनके कार्य प्रशंसनीय रहे । उनकी पुस्तक कागद मसीह काफी प्रसिद्द हुई। मध्यप्रदेश के एक गांव में जन्मे प्रभाष ने पत्रकारिता के असली मायने अपने आचरण से सामने रखे। वे पत्रकारिता को धन कमाने का जरिया नहीं मानते थे और युवाओं को भी यही प्रेरणा देते थे। उनका कहना था कि धन कमाने के लिए पत्रकारिता को चुनना पत्रकारिता को कलुषित करना है। पत्रकार को सत्ता से निर्देशित नहीं होना चाहिए,बल्कि सत्ता को उसे निर्देशित करना चाहिए। ऐसे निर्भीक और सच्चे पत्रकार को मैं नतमस्तक होकर श्रद्घा सुमन अर्पित करता हूं। (also read my blog: "parat dar parat")

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