शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का विवादों में पड़ने का स्वभाव ही है। वरना उन्हें क्या जरुरत पडी थी आसपास के राज्यों को सफाई न रख पाने की बात सुनाने की और बेवजह विवादों में पड़ने के लिए आ बैल मुझे मार जैसी स्थिति पैदा करने की? और अभी इस बात को ठीक से समझा भी नहीं गया था कि मैडम का एक और शोला आ गया। जेसिका नामक मोडल की ह्त्या के अपराध में आजीवन जेल काट रहे मनु शर्मा को पैरोल दिलवा बैठी। उसने फिर एक होटल में जाकर हुड़दंग मचा दिया और दिल्ली के टॉप कॉप के पुत्र से भिड बैठा। अब मीडिया तो मीडिया है। उसने इसी को ख़बर बन दिया और मनु की जमानत अर्जी की स्वीकृति पर ही सवाल खड़े कर दिए। अब शीला तो शीला है, सो लगे हाथों एक और विवादास्पद बयान दे डाला कि आसपास के राज्यों से आने वाले निजी वाहनों पर प्रवेश के स्थान पर प्रवेश शुल्क लगा देने की बात कर दी। अब बात महंगाई को काबू में लाने की करनी थी, किंतु कुछ उल्टा सीधा बोलकर इस ओर ध्यान देने की बजाय इस ओर से ध्यान ही हटा देने की कोशिश कर ली। अब इस बारे में बहस किस ओर जाएगी , यह तो भविष्य ही बता पाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें