मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

unforgettable

परमात्मा का लाख लाख शुक्र है कि परसों की दुर्घटना में हम पति पत्नी मरते मरते बचे। इस बचाव में न जाने किस का लिया दिया आगे आया और हैम आज इस दुनिया में हैं। वरना तो आज बस हमारी यादें ही बाकी रहती । इस अवसर पर सभी सहयोग करने वालों का हम हार्दिक धन्यवाद करते हैं और उन सबकी सर्वभावेन प्रसन्नताओं के लिए हृदय से कामना करते हैं। हमारे पूरे परिवार व रिश्तेदारों के भी हम कृतज्ञ हैं।