मंगलवार, 24 नवंबर 2009

सच कह ही दिया ओबामा ने

भारतीय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह आज अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के ख़ास मेहमान के रूपमें व्हाईट हाऊस में रात्रि भोज पर गए हैं, जहां उनके स्वागत में ओबामा ने अन्य बातों के साथ-साथ जो विशेष बात कही वो यह कि अमेरिका ने भारत को परमाणु शक्ति मान लिया है। अपने स्वागत भाषण में ओबामा ने यह बात कहते हुए कहा कि अमेरिका और भारत को मिलकर विश्व को परमाणु रहित बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहियें। तरह-तरह के दबाव व हथकंडे अपनाने के बावजूद जब भारत ने घुटने नहीं टेकने और पूरे विश्व में मंदी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था इससे अछूती रह जाने से प्रभावित विश्व को यह संदेश गया कि निरंतर प्रगति-पथ पर अग्रसर देश के इस सबसे बड़े लोकतंत्र को नजरंदाज करना किसी के भी लाभ की बात नहीं है,अमेरिका के भी नहीं।। यही कारण है कि अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री को इतना सम्मान व भारत को इतनी अहमियत यों ही नहीं दी जा रही। इसके पीछे अमेरिका के अपने आर्थिक व राजनैतिक हित काम कर रहे हैं।अभीतक भारत को अमेरिका ने पाकिस्तान के मुकाबले में खडा दिखाया व पाकिस्तान के बराबर ही मानते हुए अपने हित साधे। फिर उसने चीन को अपने पाले में लाने की गरज से उसकी शान में कशीदे पढ़े। अभीहल में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी चीन यात्रा के दौरान कुछ विवादास्पद बातें कहकर भारत को नाराज कर दिया था। इसके प्रतिक्रया भी काफी कड़ी हुई थी और अमेरिका को सरकारी स्तर पर भी यह संदेश दे दिया गया था कि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भारत को किसी भी तरह का दखल बर्दाश्त नहीं है। इसी झेंप को मिटाने के लिए अमेरिका ने अपनी नीति को बदलाव के रास्ते पर ले जाते हुए भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत में आयोजित समारोह में उक्त बात कही और उनके सम्मान में दी जा रहे रात्रि भोज में स्वयं ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा विशेष रूचि ले रही है। अब देखना यह है कि अमेरिका अपनी इस दोगली नीति को किस तरह संतुलित रख पाता है। आख़िर उस व्यापारी के लिए अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए भारत जैसे बड़े बाजार को नजरंदाज करना कोई आसान काम नहीं है।
(मेरा ब्लॉग parat dar parat भी पढ़ें )

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