सोमवार, 16 नवंबर 2009

चाचा नेहरू व बाल दिवस

अभीहालमें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस १४ नवम्बर को फिर से हर साल की तरह बाल-दिवस के रूप में मनाकर देशभर की सरकारों व अनेक गैर सरकारी संगठनो ने बच्चो के प्रति अनेक तरह से सुधार के उपायों पर विचार-विमर्श किया, जो अभी भी चल ही रहा है। लेकिन बच्चों की झोली अभी भी खाली ही है। हां, बच्चों के नाम पर कुछ लोग सम्मानित हुए,कुछ को पुरस्कृत किया गया और कुछ नए संगठन व संकल्प भी उत्पन्न हो गए। दूसरी और उसी दिन छोटू अपने मालिक के ढाबे पर काम पर गया; रजिया को माम के साथ घरों की सफाई के लिए जाना पडा : राजू को मां के काम पर चले जाने के बाद आज भी छोटी बहन को खिलाना पडा। फिर यह तो उनकी रोज की जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुकी है। बालदिवस के मायने उनके लिए रोजाना की जिंदगी जैसे ही हैं।

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