सोमवार, 2 मई 2011

अकेलेपन के शाप को बदलें वरदान में

जिन्दगी में अकेलापन हमेशा दुखदायी होता है, इसमें कतई कोई संकोच नहीं। लेकिन अपने अकेलेपन को वरदान का रूप देने वाले हमेशा ही अन्यों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं और उन्होंने अपने साथ-साथ और भी लोगों का जीवन सुखमय बनाया। हमारा इतिहास इस तरह के किस्से कहानियों से भरा पड़ा है। अकेलेपन में व्यक्ति स्वावलंबी व स्वस्थ बना रहता है। दुनिया भर के लोग उससे सीखने की कोशिश करते हैं। अकेलेपन की पीड़ा को ही हम अकेलेपन रूपी मर्ज़ की दवा बनाने की कोशिश करें तो जिन्दगी की अधिकतर परेशानियों का अंत अपने आप हो जाएगा। अकेलेपन को कोसने से काम चलेगा नहीं और अकेलेपन के शाप को वरदान का रूप देने की हम कोशिश करेंगे नहीं तो इससे बढ़कर पीड़ा और क्या हो सकती है?

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