रविवार, 24 जनवरी 2010

सच्चाई स्वीकार करे कांग्रेस

गत बीस जनवरी को संपन्न ऐलनाबाद चुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला ने कांग्रेस के भरत बेनीवाल को हराकर इस सीट पर लोकदल का कब्जा बरकरार रखा है। दोनों तरफ से प्रतिष्ठा के दांव पर लगे होने के कारण इस सीट को अपनी झोली में डालने में किसी भी दल ने कोई कसर नहीं छोडी थी।स्वयं मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडा सहित केंद्र के नेता व हरियाणा के संतरी से लेकर मंत्री तक यहाँ जी-जान से जुटे थे। ऐसा लगता था कि ऐलनाबाद के लिए ही पूरा तंत्र कार्यरत था। बेशक ओम प्रकाश चौटाला के लिए भी यह जीवन मरण का सवाल था क्योंकि इस सीट को खाली करके ही उन्होँनेयहाँ उपचुनाव का मार्ग प्रशस्त किया था। अत: उनकी पार्टी के भी तमाम छोटे बड़े नेता व कार्यकर्ता यहाँ जी-जान से जुटे हुए थे। दोनों तरफ से धन बाल आदि के प्रयोग के आरोप पूर्ववत लगे व अब भी लग रहे हैं। मुख्यमंत्री हुडा व उनके सिपहसालार इस बात से अपने आप को सांत्वना देते लग रहे हैं कि हार-जीत का अंतर कम हुआ । चौटाला यहाँ से सोलह हजार से अधिक मतों से जीते थे जबकि इस बार उनके सुपुत्र अभय केवल छः हजार से कुछ ही अधिक मतों से जीते हैं। हुडा जी पूरी सरकारी मशीनरी को यहाँ लगाकर भी अपने बड़े बड़े वादों व दावों के बावजूद इसे जीत नहीं पाए, यह उनकी नैतिक जीत नहीं कही जा सकती। वैसे दिल बहलाने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है। पर सच्चाई यही है कि कांग्रेस का चौटाला के गढ़ में सेंध लगाने का सपना चकनाचूर हुआ है। इस पर मंथन किया जाना चाहिए। कांग्रेस को यह सच्चाई स्वीकार करके जनता के प्रति अपनी जवाबदेही और बढानी चाहिए तथा जनहित कार्यों का विस्तार पूरे हरियाणा में करना चाहिए।
(मेरा अन्य ब्लॉग है : parat dar parat)

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