शनिवार, 19 जनवरी 2013

rising and setting sun

लोग चढ़ते सूरज को ही अर्ध्य देते हैं 


यह कोई नई बात तो नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर पाना भी संभव नहीं है। चढ़ते सूरज को सलाम किया जाता है। उसकी स्तुति की जाती है,पूजा अर्चना की जाती है। सूरज ढलने लगता है तो दुनिया उसे  छोड़ चांद के दर्शन करने के लिए इंतजार करने लगती है। सूरज उपेक्षित व असहाय अनुभव करते हुए अस्ताचल को चला जाता है- यह सोचते हुए कि  मैं भी कभी पूजित था और दिया जाता था मुझे भी अर्ध्य  लोगों द्वारा। कल फिर जब मैं उदित होऊंगा तो वही  क्रम दोहराया जाएगा और ऐसा युगों से होता आ रहा है और न जाने कब तक यूँ ही चलता रहेगा।

मेरे अन्य ब्लॉग हैं :   parat dar parat   &   tau molad 

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