नित नई खुशियां नित नए आयाम , लेकर आए नववर्ष नए तमाम ।
नित पुलकित हो जीवन फुलवारी, ये कामना है अनवरत सदा हमारी।
नवचेतन मन हो सब ओर सुरभित, सदा मिले प्रियजन मन कुसुमित।
हर पग चले प्रगतिपथ पर सँभल, प्रगति के संग चले सौहार्द अविरल।
भर खुशियाँ आँगन सदा इतराए, आने वाला हर कोई निहाल हो जाए।
पलपल खुशियाँ बदलें सालों में, ये पल बने रहें सदा वर्ष आने वालों में।
(मेरा ब्लॉग parat dar parat भी देखें )
शुक्रवार, 1 जनवरी 2010
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आपके और आपके परिवार वालों के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
जवाब देंहटाएंवर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
जवाब देंहटाएं- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी