हमारे देश के कृषि मंत्री शरद पवार भी अपने आप को खबरों में बनाए रखने के लिए कईं ऐसे ब्यान दे डालते हैं जो बाद में उनके लिए सिरदर्द बन जाते हैं और उन्हें अपनी ही कही बातों पर स्पष्टीकरण देना पड़ता है। कभी वो चीनी के दाम और बढ़ने की भविष्यवाणी करके आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं तो कभी वो महंगाई और बढ़ने की आशंका जताकर अखबारों में सुर्खियाँ बटोर तो लेते हैं पर जल्दी ही इस कारण आलोचनाओं को झेल न पाने के कारण अपने ब्यान को बदलते हुए उसमें कुछ कुछ नया जोड़ देते हैं जो आमतौर पर गले से नीचे उतरने वाले नहीं होते। अभीहाल में दूध के दाम बढ़ने अपने दी ब्यान पर तीव्र प्रतिक्रया को देखते हुए पवार जी अपने ब्यान से मुकरने जैसी मुद्रा में आए और एक नया विवादास्पद ब्यान दे डाला कि महंगाई का कृषि मंत्रालय से कुछ लेनादेना नहीं। जोश में वे यह भी कह गए कि कल को देश में सूखा पड़ जाए तो इसके लिए भी क्या कृषि मंत्रालय ही जिम्मेदार होगा। पवार जी आप इस देश के कृषि मंत्री हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए ज़रा संभलके बोला करो जी।
(मेरा अन्य ब्लॉग है : parat dar parat)
शुक्रवार, 22 जनवरी 2010
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