सोमवार, 23 मई 2011
गिरता भूजल स्तर और सम्बंधित समस्याएँ
आजकल पानी की कमी चाहे उतनी गंभीर नहीं है जितनी कि भयावह यह हो सकती है, लेकिन उस ओर हम तेजी से बढते जा रहे हैं। यदि समय रहते हम नहीं संभले तो उस भयावह स्थिति के आने में देर नहीं। धरती के अन्दर के पानी के अनाप-शनाप दोहन के कारण भूजल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है और कई नलकूप व हाथ के नलके सूख गए हैं। आजकल सबमर्सीबल पम्पों के प्रचलन ने पानी के व्यर्थ बहने की मात्रा कई गुना बढ़ा दी है। विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन व पानी के अंधाधुंध दोहन के चलते अगले दशक में भारत के ६०% ब्लाक सूखे की चपेट में होंगे और तब फसलों की सिंचाई की बात तो भूल जाईए पीने के लिए भी पानी की मारामारी शुरू हो जाएगी। इस समय भी देश के ५७२३ ब्लोकों में से १८२० ब्लोकों में जलस्तर खतरनाक हदें पर कर चुका है। इस समस्या पर तुरंत ध्यान देकर इसके निराकरण की जरुरत है।
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