गुरुवार, 5 मई 2011

कन्या भ्रूण हत्या के पैरोकारो ,जागो

अभीहाल में हरियाणा के भिवानी जिले में दो लड़कियों ने इतिहास रचते हुए कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के मुंह पर तमाचा मारते हुए यह दिखा दिया है कि जरुरत पड़ने पर लड़कियां किसी भी तरह से लड़कों से कम नहीं होती। जो लोग उन्हें जन्म लेने से पहले ही पेट में ही मार देते हैं, उनको अपने इस तरह के कुकृत्यों पर पुनर्विचार करना चाहिए । किस्सा जिले के खपडवास गाँव का है जहाँ एक युवती ने अपने भावी दुल्हे व परिवार के सदस्यों की सहमति व सहयोग से घुडचढ़ी की और दुल्हे द्वारा किए जाने वाली सभी रस्में भी अदा की।वह मोनिका! तेरा जज्बा सलाम का हकदार है।


इसी प्रकार एक अन्य युवती ने अपने बीमार पिता को अपनी किडनी दान कर उसे डायलिसिस से छुटकारा दिलाकर सामान्य जीवन जीने का रास्ता दिया। इसा वीर वंदना की वंदना न सही मुक्त कंठ से प्रशंसा जितनी की जाए उतनी कम है। हर क्षेत्र में लड़कों के साथ आगे बढ़ने वाली ऐसी बहादुर लड़कियों को देखकर मन में अनायास ही प्रश्न उठता है कि भ्रूण हत्या करने वाले न जाने ऐसी कितनी बहादुर बेटियों को गर्भ से बाहर ही नहीं आने देते । ऐसे लोगों को अपने इस तरह के विचारों पर गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए।


मेरा अन्य ब्लॉग है : parat dar parat

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