हम जीवन में अपने लक्ष्य को पाने के लिए, अपने निश्चय को मूर्तरूप देने के लिए सदा लालायित रहते हैं। यह अलग बात है कि लक्ष्य तक पहुँचते पहुँचते अनेक रुकावटें अनेक अडचनें आती हैं। लक्ष्य प्राप्ति के प्रति दृढ निश्चय की स्थिति में ये सब बौनी साबित होती हैं और इन्सान अपने लक्ष्य को पाने तक अविरल प्रयास करते हुए सफलता की सभी सीढियाँ चढ़ लेता है। बेशक यह सब इतना आसान नहीं होता। परन्तु धैर्य खोए बिना निरंतर लक्ष्यपथ पर अग्रसर होते हुए हम सभी तरह की विघ्न बाधाओं को पार कर लेंगे यह सोचकर अपना कार्य सही दिशा में करते रहने से हिम्मत के साथ साथ लक्ष्य से नजदीकियां भी बढ़ती जाती हैं। शुरुआत में कुछ विचलित करने वाली अडचनें ऐसी आती हैं जो इन्सान को बहुत दुखी कर देती हैं और उसे अपने आप पर विश्वास में कमी सी महसूस होने लगती है। ऐसी स्थिति में अपने साधनों पर पुनर्विचार की जरुरत होती है और तदनुसार आवश्यक सुधार कर लेने से राह कुछ सरल हो ही जाती है।चलना भी सहज हो जाता है। इसे अजमाया जाना चाहिए।
मेरा अन्य ब्लॉग है : parat dar parat
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें