सोमवार, 25 अप्रैल 2011
जनता को सही अगुआ मिले तो..
अभीहाल में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में कुछ ऐसे तथ्य उजागर हुए हैं जिन्होंने पूरे देश को आंदोलित कर दिया है। बाबा रामदेव की स्वाभिमान यात्रा से लेकर अन्ना हजारे के धरने तक और उनके बाद भी इस तरह का सिलसिला जारी है। जनमानस के लिए ये बातें बहुत मायने रखती हैं। राजसत्ता से लेकर भ्रष्ट तंत्र सत्ता तक न जाने कितने रोग हैं जो देश को नासूर की तरह कमजोर किए जा रहे हैं। सत्ता में बैठे लोग और कुर्सी पर काबिज बाबू इस नासूर को पाटने के रास्ते में स्वार्थवश तरह तरह के रोड़े अटका रहे हैं। जनता अपने सामने हो रहे इस खेल को मूकदर्शक बन देख रही है। यह उनकी विवशता भी हो सकती है और किंकर्तव्य विमूढ़ता भी। लेकिन जब भी जनता को जगाने वाला कोई अगुआ सही दिशा में कदम मजबूती के साथ बढ़ाएगा जन-जन उसके साथ जुड़कर क्रांति ला देगा इसमें कतई शक नहीं है। अन्ना हजारे ने ऐसे ही एक प्रयास से केंद्र सरकार की नींद हरम कर दी और नया लोकपाल बिल बनाने के लिए समिति गठित कर दी गयी। अब देखना यह है कि यह समिति सभी तरह के दबावों तथा अवरोधों के साथ किस दिशा में और कितना सरता कार्य कर पाएगी।
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