रविवार, 10 फ़रवरी 2013

देश और मानवता के दुश्मनों को सजा सही है।


अफज़ल गुरु को आखिर उसके किए की सजा मिल ही गयी। देश की संसद को बंधक बनाने की आतंकवादी मंशा को अंजाम दी जाने को  रोकते हुए अपनी जान पर खेल जाने वाले शहीदों की शहादत को मान मिल गया।   देश के दुश्मनों के साथ इसी तरह सलूक  किया जाना निहायत जरूरी है क्योंकि ये देश के ही नहीं मानवता के भी दुश्मन होते हैं। इस पर किन्तु परन्तु अथवा राजनीति करने की कोइ भी कोशिश अथवा मानव अधिकार का वास्ता बेमानी है। मानवाधिकार की बात सभी पर व  सदा ही लागू होती  हैं, केवल आतंकवादियों को सजा देने के वक्त ही नहीं।      

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