कई दिन बाद ब्लॉग लिखने का मौका मिला। पहले तो फोन खराब, फिर इन्टरनेट और कम्प्यूटर में समस्या। बस इसी तरह दिन बीतते बिताते महीने से भी ज्यादा समय लग गया और मैं ब्लॉग पर आ ही नहीं पाया। इस दौरान अनेक परिवर्तन हुए अनेक साथी छूटे और अनेक जुड़े। अभी भी यह सिलसिला चल ही रहा है।हर और नयापन, हर दिशा में परिवर्तन की लहर। अब जल्दी ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आने के लिए रास्ता साफ करने की सरकार की कवायद और विपक्ष की
हायतौबा दर्शा रही है की जनता तो इस खेल में पीछे छूट गयी है।
मेरे अन्य ब्लॉग हैं: parat dar parat and taau molad
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