गुरुवार, 17 मई 2012
..... नहीं तो मरियो नाई बाह्मण
हम भारत में एक चलन देखते आ रहे हैं कि अपने ऊपर किसी भी तरह की जिम्मेदारी न आने दो और किसी भी गलती के लिए सारा दोष दूसरों पर डालते हुए मजे से अपने कार्य को किए बिना ही उसके होने का श्रेय लिए जाओ इस बारे में एक हरियाणवी कहावत यहाँ बिलकुल सटीक बैठती है कि आच्छी हो ज्या तो म्हारी के भाग नहीं तो मरियो नाई बाह्मण
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