सोमवार, 8 सितंबर 2014

anushasana ke bina jeevan adhoora hai

अनुशासन अनुशासन है. इसे हलके में नहीं लिया जाना चाहिए। कुछ लोग इस सच्चाई से मुंह मोड़ने की कोशिश करते है की जो वो आज कर रहे हैं कल को वही उनके लिए दुर्गम्य बन जाता है। 

शुक्रवार, 13 जून 2014

जो हो रहा है वह सही नहीं ,   जो सही है वह हो नहीं रहा       

मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

unforgettable

परमात्मा का लाख लाख शुक्र है कि परसों की दुर्घटना में हम पति पत्नी मरते मरते बचे। इस बचाव में न जाने किस का लिया दिया आगे आया और हैम आज इस दुनिया में हैं। वरना तो आज बस हमारी यादें ही बाकी रहती । इस अवसर पर सभी सहयोग करने वालों का हम हार्दिक धन्यवाद करते हैं और उन सबकी सर्वभावेन प्रसन्नताओं के लिए हृदय से कामना करते हैं। हमारे पूरे परिवार व रिश्तेदारों के भी हम कृतज्ञ हैं। 

शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

समाज में दोगलापन इस  कदर घर कर गया है कि पहचान पाना मुश्किल हो जाता है की कौन आदमी किस तरफ की बात कर रहा है.  

गुरुवार, 30 मई 2013

it has been the habit of the politicians to curse others for their failure; but they don't like to give credit to the people who are behind their success.

सोमवार, 27 मई 2013

छत्तीसगढ़ का कतले आम 


छत्तीसगढ़ में परिवर्तन रैली से लौट रहे कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर नकली हमले ने पूरे देश के शासनतंत्र को हिलाकर रख दिया है। यह सीधा सीधा देश के लोकतंत्र पर हमला है। इसकी कड़ी से कद्दी निंदा की जानी चाहिए। अब वे तथाकथित मानवतावादी चुप क्यों हैं जो नक्सलवादी नाके मारे जाने पर मानवाधिकार की बात जोर शोर से उठाते हैं और प्रजातंत्र को खामियों से भरा हुआ मानते हैं तथा नक्सलवादियों को गुमराह नौजवान बताकर उनसे बातचीत के जरिये कोइ हल निकालने की बात करते  हैं। 

रविवार, 19 मई 2013

मुझे मैं नहीं वो दिखता है 


यह एक प्रचलन सा हो गया है कि भ्रष्टाचार को बढाने में  सरकारी तंत्र व राजनेताओं  को दोषी ठहराया जाता है। मेरे विचार से इस हमाम में हम सभी वस्त्रविहीन हैं और सिर्फ अपने सामने वाले को नंगा कहकर यह भूल जात़े हैं कि दूसरों की ऊंगलियां हमारी और उठ रही हैं।

मेरे अन्य ब्लोग हैं  parat dar parat